शरद ऋतु की वह गुलाबी ठंड और पूजा का जोश और उत्साह-अश्विन मास के नव चंद्र का
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इस तरह से नव चंद्र से नव चंद्र तक की अथवा पूर्ण चंद्र से पूर्ण चंद्र तक की अवधि को हम मास या माह कहते हैं।
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इस तरह से नव चंद्र से नव चंद्र तक की अथवा पूर्ण चंद्र से पूर्ण चंद्र तक की अवधि को हम मास या माह कहते हैं।
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शरद ऋतु की वह गुलाबी ठंड और पूजा का जोश और उत्साह-अश्विन मास के नव चंद्र का भव्य स्वागत करने वाली यह प्रथा बहुत ही प्यारी लगती है उन्हें।
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शरद ऋतु की वह गुलाबी ठंड और पूजा का जोश और उत्साह-अश्विन मास के नव चंद्र का भव्य स्वागत करने वाली यह प्रथा बहुत ही प्यारी लगती है उन्हें।
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अब प्रश्न यह कि इन तीनों नक्षत्रों में सर्वाधिक गरम नक्षत्र अवधि कौन होगा इसके पीछे खगोलीय आधार है इस अवधि मे सौर क्रांतिवृत्त में शीत प्रकृति रोहिणी नक्षत्र सबसे नजदीक का नक्षत्र होता है जिसके कारण सूर्य गति पथ में इस नक्षत्र पर आने से सौर आंधियों में वृद्धि होनी स्वाभाविक है इसी कारण परिस्थितिजन्य सिद्धांत कहता है कि जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में आता है उसके बाद के नव चंद्र नक्षत्रों का दिन
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अब प्रश्न यह कि इन तीनों नक्षत्रों में सर्वाधिक गरम नक्षत्र अवधि कौन होगा इसके पीछे खगोलीय आधार है इस अवधि मे सौर क्रांतिवृत्त में शीत प्रकृति रोहिणी नक्षत्र सबसे नजदीक का नक्षत्र होता है जिसके कारण सूर्य गति पथ में इस नक्षत्र पर आने से सौर आंधियों में वृद्धि होनी स्वाभाविक है इसी कारण परिस्थितिजन्य सिद्धांत कहता है कि जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में आता है उसके बाद के नव चंद्र नक्षत्रों का दिन “ नवतपा ” है ।